लेखनी कहानी -27-Feb-2024

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किसी माँ के आँखों का तारा हो तुम किसी बाप के बुढ़ापे का सहारा हो तुम रौशन है तुम्हारे दम से मुल्क की सरहदे मुल्क के वो नायाब सितारा हो तुम ...

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