ये कैसा एहसास है  दूर रहकर भी तू पास है  तेरी सांसों की गर्मी  पिघला रही है मुझे  धीमी सी अग्नि सुलगा  रही है मुझे अधरों की हरकत  मत पूछो  अधरों ...

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