लेखनी कहानी -29-Feb-2024

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प्रेम की हथकदी घाव मन का ना चाहकर भी खिलता है। दार तन का हा पनाह पाकर भी मिलता है । उदास मन चाहत के धानों में रहकर समझावश की तराजु ...

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