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जेठ की दुपहरी भी, अक्सर, ठंडक कर जाती है।। ठंड की रातें भी गर्मी, बदन में भर जाती है।। साजन!,, अगर तुम साथ हो,,, ----विचार एवं शब्द-सृजन---- ---By--- ----पूजा यादव'प्रीत'---- ----स्वलिखित ...