1 Part
464 times read
20 Liked
सतसैया के दोहरे, ज्यों नावक के तीर। देखन में छोटे लगै, घाव करें गंभीर।। इस दोहे के माध्यम से कवि बिहारी जी ने कम शब्दों में बड़ी बात कह दी है, ...