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मौन पढ़ के चेहरे अजनबी अब सम्भल जाती हूँ मैं, इसलिए ही आजकल तो सबको खल जाती हूँ मै। चाहता है गर बनाना मुझको खुद जैसा कोई , मौन रह किरदार ...