लेखनी कहानी -03-Mar-2024

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एक गिलहरी रोज़ मेरी छत पर आती है। वो कूट-कूट कर के दाना चुगकर चली जाती है। जब भी डालता हूं दाने वो मुस्कुराती है। भले आदमी हो कह के गीत ...

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