नीति-वचन

1 Part

32 times read

8 Liked

नीति-वचन(चौपाइयाँ) मधुर बोल अरु मधु मुस्काना। सदा न सज्जन रह पहिचाना।। तिलक-छाप अरु चंदन माथे। गर रुद्राच्छ कमंडल हाथे।। एकमात्र नहिं संत-निसानी। कबहुँ-कबहुँ अस दुर्गुन-खानी।। जहँ रह काँट पुष्प तहँ बिगसै। ...

×