1 Part
188 times read
9 Liked
*गुणी जन*(चौपाइयाँ) सुख-दुख-साथी सज्जन होते। पावन सोच-बीज जग बोते।। होते ऐसे जन उपकारी। विमल चरित ये जन हितकारी।। सदा मदद हैं करते उसकी। नाव सिंधु में डगमग जिसकी।। चंदन इव शीतलता ...