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गीत:- मत काटो कोमल पंखों को, मेरी भी इच्छाएं हैं। उड़ने दो उन्मुक्त गगन में, मेरी कुछ आशाएं हैं। * बाबुल के नंदन कानन की, मैं तो हूँ अनमोल कली। बाँहों ...