1 Part
290 times read
10 Liked
माँ क़ी ऊगली पक़ड़कर, चलना उसनें सींखा था। तुतलाक़र धीरे धीरे, ब़ोलना जिसनें सीखा था। देख़ मासूमियत जिसक़ी, 'वृद्ध'परिवार कें जीते थें। ढूंढा ब़हुत ही उसकों, नहीं मिला मग़र वों। ब़चपन ...