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मैं *** मैं एक सूखा वृक्ष धरा का निर्जन वन में खड़ा हुआ हूं कोई अब मेरे पास ना आता, अपनी किस्मत पर पड़ा हुआ हूं पत्तों ने मेरा साथ है ...