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मोल का प्रेम अरे भाई ! दिल लगाऊ में किससे ? भावनाओ को खरीदने की औकात नहीं। आँखे मिलाई थी मैंने जिससे वो सदाचारिता की रखती सोगात नहीं होशो हवास को ...