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कहानी–गृहलक्ष्मी की तपस्या "माली काका…!" सुजाता जी की आवाज पर रामदीन पास आते हुए कहा "जी मालकिन !" "आज अपने पैसे ले लेना।" "जी मालकिन।"यह कहकर रामदीन अपना काम करने लगा। ...

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