जोगी

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रमता जोगी पर्वत-पर्वत, प्रेम ज्योति जगाए फिरता, दे संदेशा मेल-जोल का, दर-दर अलख जमाए रमता। स्वरचित-सरिता श्रीवास्तव "श्री" धौलपुर (राजस्थान)  ...

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