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चित्राधारित दोहे होली गोरी छोरी आ गई, ले हाथों में रंग। लाल गुलाल उड़ा गई, नैन पिलावे भंग।। बन -ठन नाचे कामिनी, भीगा सारा अंग। सप्तरंगी फुहार में, मिले अंग से ...