बस इतनी सी अभिलाषा मेरी

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चाँद बनकर मुस्कराऊँ सूर्य सा मैं ओज पाऊं पुष्प बन खुशबू बिखेरूं सालिला का कल – कल संगीत हो जाऊं बस इतनी सी अभिलाषा मेरी ………………. पक्षियों का कलरव हो जाऊं ...

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