प्रतिज्ञा

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कर लें प्रतिज्ञा हसरतों से, गहरी पैठ नहीं बन पाए, उच्च विचार जीवन सादा ही, भव से नैया पार लगाए। मंथन करके बोल शब्द को, ये अपने वश में होते हैं, ...

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