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मीत (मित्र) विपदा काल काम जे आवै।साँचा मीत उहइ कहलावै।। साँच मीत बस उहवै भाई।गूढ़ रहस जे रहइ छिपाई।। करै प्रचार मीत जस-कीर्ती।दिग-दिगंत जहँ तक रह धरती।। तजै न साथ-संग केहु ...