लेखनी कहानी -05-Apr-2024

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महफिल अजीब है ना ये मंजर अजीब है जो उसने चलाया वो खंजर अजीब है ना डूबने देता है ना उबरने देता है उसकी आँखों का वो समंदर अजीब है ...

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