1 Part
177 times read
9 Liked
ढलती रात ढलती रात हुई अंधियारी, साहिब जी ना आए। धक-धक धड़के जिया हमारा, मन मेरा घबराए। सनम कहो रात कहां बिताए हाथों में मेहंदी रचके गौरी, कर कर सोलह सिंगार। ...