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#दिनांक:-8/4/2024 #शीर्षक:-वक्त-वक्त की बात है। कट्टी पक्की की यारी, रोज होती नयी त्यौहारी। दिल दौलत से अमीर था, पहले झगड़े फिर मनुहारी। गद-गद हो जाता तन-मन, गर्मी की छुट्टी में रमता ...