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वेश्या है!! धब्बा समाज का!! कलुषित चेहरा, दर्पण का!! सिर्फ स्त्री दोषी?? पुरुष पर, कोई दाग नहीं?? संग मिलकर, गिरे दलदल में!! धंसती जाए मगर स्त्री!! कंधे पर चढ़कर, निकला बाहर!! ...