कुछ ऐसे जादुई रिश्ते भी होते हैं   जिनमें रिश्ते जैसा कुछ भी नही होता न साथ,  न मेल-मुलाक़ात,  न बात-चीत,  न चिट्ठी पत्री ...  सिर्फ होते हैं कुछ नम अहसास ... ...

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