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दैनिक प्रतियोगिता स्वैच्छिक परमात्मा हर देश में तू, हर भेष में तू, तेरे नाम अनेक तू एक ही है, तेरे नाम अनेक तू एक ही है। तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा, ...