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विजय पताका लहरा जीवन है एक खेल, बिना रुके ये चलता खेलने वाला अपना, दांव जरूर बदलता जीवित रहने तक, ये खेल खेलना पड़ता सांसे रुक जाए तो, खेल से जाना ...