1 Part
54 times read
3 Liked
यादें कसकती हैं रात भर (नज़्म) यादें कसकती रहीं रात भर, अश्कों का दरिया था बहता रहा। मैं सिसकती रही होठों पे ले हंँसी, नम आंँखों से मोती बिखरता रहा। दर्द ...