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चिंतन करत मन भाग्य का है (भजन) स्वैच्छिक प्रतियोगिता हेतु मन चिंतन करता रे दिन- रात अपने भाग्य का, मन चिंतन करता रे। चिंतन करते-करते यह तो मांँ के दर पर ...