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राही (नज़्म) मेरी राहें तू कांँटों से भरने लगा, ऐसा लगता है तू मुझे डरने लगा। मैं राही नहीं कोई कमज़ोर हूंँ, काहें कमज़ोर तू मुझको करने लगा। मैं टूटूँ तू ...