जनता और मंहगाई

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🌹🌹जनता  और महगाई 🌹🌹 चीजों के बढ़ते भावों ने। नेता के झूठे दावों ने। सब कुछ चौपट कर डाला। कैसा ये गड़बड़ घोटाला। जनता बनी बेचारी है। जीने की लाचारी है। ...

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