मजदूर का ईमान धर्म पूर्णिका

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      "मजदूर का ईमान धर्म" पूर्णिका मजदूर हैं तो क्या हुआ, ईमान धर्म अकूद हमारा भी,  मेहनतकश हूँ लाचार नहीं, कुछ है वजूद हमारा भी,  भुंसारे ही अथाना रोटी ...

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