1 Part
16 times read
3 Liked
"मजदूर का ईमान धर्म" पूर्णिका मजदूर हैं तो क्या हुआ, ईमान धर्म अकूद हमारा भी, मेहनतकश हूँ लाचार नहीं, कुछ है वजूद हमारा भी, भुंसारे ही अथाना रोटी ...