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कविता - शौर्य शिरोमणि महाराणा प्रताप सिंह है वीरता ना हारती अधीनता स्वीकारती हुंकार भर हुंकारती है चीखती पुकारती सर कटे या काट लो,मुड़े नहीं जबान से, झुके नहीं रुके नहीं,टुटे ...