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विचार (नज़्म) प्रतियोगिता हेतु सोचो- विचारों करो काज कोई, जग में हसाई कभी भी ना होगी। शिद्दत से सबकी ही बातें सुनो तुम, वैसा ही करने का बनना न भोगी। इच्छाओं ...