माँ

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*माँ* 12/05/2024 _____________________ सूरज संग खिली धूप तपिश बनकर छाया। माँ तेरे आँचल तले हमने शीतलता को पाया।। मन में नव व्यंजन खाने जन्मी आतुरता ।  तेरे हाथ से बने व्यंजन ...

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