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"माँ की यादें" पूर्णिका याद तेरी आती है माँ, सामने तुझको पाते हैं, तू क्या गयी इस दुनियां से, अश्रु सम्हाले न जाते हैं, जर-जर हो गयी काया, पिता बिलखते ...