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उसका नहीं हूं मैं,जिससे बगावत की बू आती है हक मारते हैं गरीबों का,सियासत की बू आती है सिर्फ अपने सुख और ऐशो आराम की ख़ातिर मासूम जनता के लिए मोहब्बत ...