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प्रतियोगिता हेतु रचना जेठ की गरम दुपहरिया ****************** जेठ दुपहरिया बहुत है गर्मी घर के बाहर तुम जाएव ना। बैगन का भर्ता बनि जइहौ बिना अंगौछा जायेव ना।। जूता कसि कै ...