1 Part
38 times read
4 Liked
क्षितिज गेह में ठहरी पूनम, उजला प्रकृति श्रृंगार हुआ। कण-कण आलिंगन में लेकर, चंद्र-चंद्रिका सुराज हुआ। गुफ्तगू करती हैं हवाएं, किस-किसका संदेशा लाएं, लम्बे होते प्यार के साए, किसको कैसे क्या ...