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आज दिनांक २०.५.२४ को प्रदत्त स्वैच्छिक विषय पर प्रतियोगिता वास्ते मेरी प्रस्तुति मानवता:- ' मानवता' दैवीय गुण अपना लीजे सुजान, कष्ट न हो पाए कभी, सहायक हों भगवान। मानवता की छांव ...