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ख़त के छोटे से तराशे में नहीं आएँगे ,,, ग़म ज़ियादा हैं लिफ़ाफ़े में नहीं आएँगे,,, हम न मजनूँ हैं न फ़रहाद के कुछ लगते हैं,,, हम किसी दश्त तमाशे में ...