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मंहगाई निश-दिन बढ़ी है। दुगनी फिर चौगुनी बढ़ी है। दुग्ध जगह पर चाय हो गई। आज शानो-शौकत हो गई। अंग्रेज पहले चाय कहाँ। चाय का नामो निशान कहाँ। घर-घर में रहे ...