1 Part
23 times read
2 Liked
पर्यावरण-सुरक्षा गली गाँव की सूनी लगतीं, सूने बाग़-बगीचे। सूख गए हैं जलाभाव में, खेत सभी बिन सींचे। चलो,जलाशय-नदी बचाएँ-प्रकृति-प्रेम की अलख जगाएँ।। भीषण ताप प्रचंड सूर्य का, धरती को ललकारे। कहे ...