लेखनी कविता -नज़र का मंजर -24-May-2024

1 Part

101 times read

3 Liked

नज़र का मंजर  नज़र को नज़र लगी नज़र की, नीम हकीम वैद्य कि फैल है नज़र भी, यह कुछ बड़ा विचित्र दोष है संसार में, दिल का डॉक्टर भी फैल है ...

×