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गुमशुदा सी जिंदगी, सिखाए वक्त बंदगी, बहुत संभाला इसे, पार कहाँ पाइए?? खुद को सुजाना नहीं, कभी पहचाना नहीं, बीत गया वक्त यूँ ही, चैन कैसे पाइए?? कुदरत विधान है, सभी ...