लेखनी मनोभाव जो जगे हृदय में शब्दों में उन्हे पिरोती है जो न कह सकें हाल दिलों का उनकी वाणी होती है प्रेम, विरह, व्यथा, खुशी सब भावों का बयान करे ...

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