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Slept प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक कविता *महारथी* महारथी सब हुए एकजुट, अभिमन्यु पड़ गया एकल । फिर भी करता रहा युद्ध वो, किये अधर्मी सारे विकल ।। अन्तिम साँसों तक अभिमन्यु, महावीरों ...