सिर्फ तुम, दैनिक लेखनी कहानी -07-Jun-2024

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सिर्फ तुम..... सर्द मौसम में गुनगुनी धूप सदृश..सिर्फ तुम! तपिश भरे रेगिस्तान में जल की बूँद सदृश..सिर्फ तुम! सुबह सबेरे गुलाब पंखुड़ियों पर बिखरी ओस की बूँदों सी, हर सांझ आंगन ...

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