लेखनी कविता -07-Jun-2024

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शीर्षक - सिर्फ तुम सिर्फ तुम ही आंखों में बसी हों। जिंदगी और जीवन में सिर्फ तुम हो। मन भावों में रिश्ते नाते सच हो। सिर्फ तुम ही मेरी चाहत बनी ...

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