मेरी लेखनी

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मेरी लेखनी लेखनी मुझमें बस्ती है, लेखनी मुझमें सजती है। लेखनी जो उठा लू तो, दिल के जज़्बात गीत में बदलती है। रोता चेहरा भी मुस्कुरा जाता है, जब दर्द लेखनी ...

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