लेखनी कविता -10-Jun-2024

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शीर्षक - स्वैच्छिक -प्रेम.....मन हमारे जीवन में स्वैच्छिक प्रेम मन हैं। प्रेम एक मन के साथ-साथ होता हैं। न जाने हम न तुम बस अजनबी हैं। सच तो न कुछ आज ...

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